Thursday, 22 February 2018

shailesh patel

 कोई तरीका हैं किसी का नंबर सेव किए बिना व्हॉट्सएप से मैसेज भेजने का?

Send WhatsApp Message Without Saving Contact Hindi.
Send WhatsApp Message Without Saving Contact Hindiव्हॉट्सएप दुनिया का सबसे बड़ा इंस्टेंट मेसेजिंग प्लेटफॉर्म है और इसके बारे में किसी को कोई संदेह भी नहीं है। अपने फ्रेंड्स, फैमेली, कालीग और रिलेटिव के संपर्क में रहने के लिए टेक्स्ट, इमेजेस, वीडियो आदि भेजने के लिए इस सर्विस का इस्तेमाल करने वाले एक अरब से अधिक डेली एक्टिव यूजर्स हैं।
व्हॉट्सएप सबसे लोकप्रिय ऐप्‍लीकेशन में से एक है। इसमें आप किसी का भी नंबर एड कर उसके साथ आसानी से कम्युनिकेशन कर सकते हैं। लेकिन कई ऐसे मौके आते हैं, जब आपको केवल एक ही बार किसी को कुछ मैसेजेस भेजने होते हैं और बाद में शायद उनके साथ कम्युनिकेशन करने कि आपको कभी भी जरूरत नहीं होगी।
यह आमतौर पर एक समस्या है जब आपको व्हॉट्सएप मैसेज भेजने के लिए किसी को एड करना पड़ता है जिसे आप वास्तव में नहीं जानते। कभी-कभी, हम उस व्यक्ति का नाम भी नहीं जानते, जिसे हम एड करने जा रहे होते है, उदाहरण के लिए, इलेक्ट्रीशियन, डिलीवरी एजेंट, प्लंबर आदि।
हालांकि, इसके लिए एक वैकल्पिक समाधान है, आप थर्ड-पार्टी ऐप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन इतने से छोटे काम के लिए अपने मोबाइल में इस थर्ड-पार्टी ऐप को इंस्‍टॉल कर मैसेज भेजने में काफी समय और मेहनत खर्च हो जाती हैं। इसके साथ ही कई बार वे आपके फोन कि ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ कम्पेटिबल भी नहीं होते हैं। और इन ऐप्‍स का असर आपके स्मार्टफ़ोन की सिक्‍युरिटी और फंक्शनलिटी पर भी होता हैं।
तो क्या ऐसा कोई समाधान हैं किसी को बिना कॉन्‍टैक्‍ट में एड किए व्हॉट्सएप से मैसेज भेजने का?
इस समस्या को सुलझाने में आपकी मदद के लिए, इस पोस्‍ट में, मैं आपको दिखाऊँगा कि व्हॉट्सएप के माध्यम से अपने एड्रेस बुक में कॉन्‍टैक्‍ट को एड किए बिना मैसेज कैसे भेज सकते हैं। इसके लिए आपको न किसी थर्ड-पार्टी ऐप को इंस्‍टॉल करने कि जरूरत हैं और नहीं कोई मेहनत करने की। सबसे अच्‍छी बात यह हैं कि यह मेथड आईओएस और एंड्रॉइड दोनों ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए काम करती है

How To Send A Whatsapp Message Without Saving The Contact

यह प्रोसेस पहली नज़र में उन यूजर्स के लिए कुछ कन्फ्यूज़िंग हो सकती है जो अपने स्मार्टफोन का उपयोग करने में बहुत अनुभवी नहीं हैं। लेकिन एक बार जब आप इस प्रोसेस को पूरा करते हैं, तो उसके बाद यह आपके लिए आसान होगा।

अपने स्मार्टफ़ोन पर अपना पसंदीदा ब्राउज़र ओपन करें।
सर्च बार में इन लिंक को एड करें-
https://api.whatsapp.com/send?phone=XXXXXXXXXXX
Send WhatsApp Message Without Saving Contact Hindi
X कि जगह पर उस व्यक्ति का फ़ोन नंबर टाइप करें, जिसे व्हॉट्सएप मैसेज टाइप करना चाहते हैं।
नोट: यह नंबर देश कोड सहित होना चाहिए, लेकिन बिना + साइन के। जैसे इंडिया का कोड +91 हैं, तो यहां पर यह नंबर 9190000000000 इस तरह से होगा।
अब यह एड्रेस कुछ इस तरह से दिखाई देगा:
https://api.whatsapp.com/send?phone=9190000000000
अब अपने स्मार्टफोन पर ‘एंटर’ बटन पर टैप करें।
अब स्‍क्रीन पर एक WhatsApp विंडो ओपन होगी, जो यह पूछेगी कि क्या आप उस फोन नंबर पर मैसेज चाहते हैं?
Send WhatsApp Message Without Saving Contact Hindi
ग्रीन कलर के ‘send message’ बटन पर टैप करें।
आपको अब आटोमेटिकली WhatsApp के उस कौन्‍टैक्‍ट के साथ ही चैट स्‍क्रीन पर ले जाया जाएगा।
Send WhatsApp Message Without Saving Contact Hindi
अब आप उस कॉन्‍टैक्‍ट का नंबर बिना एड किए ही मैसेज भेज सकते हैं। है ना कमाल!
आपको यह टीप कैसे लगी? क्या यह आपके लिए उपयोगी हैं? या आप अभी भी थर्ड-पार्टी ऐप का उपयोग करना पसंद करेंगे? कमेंटस् में जरूरत बताएं!

क्‍या होती है कैश मेमोरी - What is Cache Memory in Hindi

shailesh patel

क्‍या होती है कैश मेमोरी - What is Cache Memory in Hindi


कैश मेमोरी (Cache Memory) चाहे फोन की हो या कंप्‍यूटर की हो कोई भी काम अत्‍यधिक तेजी से करती है, असल में कैश मेमोरी (Cache Memory) आकार में बहुत छोटी लेकिन कंप्‍यूटर की मुख्‍य मेमोरी से बहुत ज्‍यादा तेज होती है, इसे सीपीयू की मैमोरी भी कहा जाता है जिन प्रोग्राम और निर्देशों का बार-बार इस्‍तेमाल किया जाता है उनको कैश मेमोरी (Cache Memory) अपने अंदर सुरक्षित कर लेती है, प्रोसेसर कोई भी डाटा प्रोसेस करने से पहले कैश मेमोरी (Cache Memory) को चैक करता है और अगर वह फाइल उसे वहां नहीं मिलती है तो उसके बाद वह रैम यानि प्राइमरी मेमरी को चैक करता है तो इस प्रकार आपको कंप्‍यूटर और आपका फोन भी तेजी से काम करता है

What is Cache Memory in Hindi

कैश मेमोरी के लाभ 

कंप्‍यूटर प्रोसेसर को सामान्‍यत है रेम से डेटा पढने में लगभग 180 नैनो सेकेण्‍ड (1 सेकेण्‍ड = 1 अरब नैनो सेकेण्‍ड) का समय लगता है लेकिन जब यह डेटा कैश मेमोरी (Cache Memory) से प्राप्‍त किया जाता है तो केवल 45 नैनो सेकेण्‍ड का समय लगता है तो आप समझ ही गये होगें कंप्‍यूटर और फोन में कैश मेमोरी कितनी लाभ दायक होती है कैश मेमारी की वजह से आपके फोन और कंप्‍यूटर की स्‍पीड काफी बढ जाती है 

कैश मेमोरी के नुकसान

कैश मेमारी डाटा एप्लीकेशन उपयोग करने के दौरान तैयार होती है और उस एप्‍लीकेशन से संबधित टैंपरेरी फाइल तैयार कर लेती जो आपके सीपीयू के प्रयोग में आती है लेकिन कैश मेमारी से डाटा अपने आप डिलीट नहीं होता है कैश्‍ा मेमाेरी का साइज बहुत ही छोटा होता है इस कारण यह जल्‍दी भर जाती है और आपका कंप्‍यूटर और मोबाइल हैंग करने लगता है 

क्‍या है उपाय 

कैश मेमारी को फुल होने से बचने के लिये कुछ समय के अंतराल पर इसे क्‍लीन करते रहें इससे आपके कंप्‍यूटर या फोन को कोई नुकसान नहीं पहुॅचेगा, अपनी आवश्‍यकता अनुसार सीपीयू इसे तुरंत ही तैयार लेगा 

Wednesday, 10 January 2018

10 सिक्रेट कंप्यूटर टिप्स् एंड ट्रिक्स: नहीं जानेंगे तो नहीं बन पाएंगे पॉवर यूजर

10 सिक्रेट कंप्यूटर टिप्स् एंड ट्रिक्स: नहीं जानेंगे तो नहीं बन पाएंगे पॉवर यूजर

Computer Tips Tricks Hindi.

Hindi Computer Tips:

कई कट्टर कंप्यूटर यूजर्स को लग सकता हैं की, उन्‍हे अब नई ट्रिक सीखने की जरूरत नहीं हैं, लेकिन कंप्‍यूटर में हमेशा सीखने के लिए नई चीजें होती हैं जो आपके स्‍कील को बेहतर बनाने में मदद करती हैं।

मेरी शर्त हैं इस आर्टिकलमें आपको कम से कम एक उपयोगी ट्रिक मिलेगी, जिसे आप पहले नहीं जानते थे।

मेरा अंतिम लक्ष्य है की आप अपने वर्कफ़्लो से हर एक मूल्यवान सेकंड सेव करने के लिए अधिक प्रॉडक्टिव बनें।

ये छोटे, लेकिन अभी तक अव्यक्त विंडोज टिप्स और ट्रिक्स आपके वर्कफ़्लो में बहुत बड़ा अंतर कर सकते हैं- और प्रोसेस में आपका बहुत समय बचा सकते हैं।

बेशक, आप हमेशा इन Computer Tips Tricks Hindi को फ्रेंडस् और फैमेली मेंबर्स के साथ शेयर कर सकते हैं ताकि वे भी बेहतर पीसी यूजर्स बन सके।

 

Computer Tips Tricks Hindi:

PC Tips and Tricks in Hindi:

Computer Tricks and Secrets in Hindi:

1) Problem Steps Recorder:

Problem Steps Recorder का उपयोग करें यह आसान टूल ऑटोमेटिक किसी भी माउस क्लिक को रिकॉर्ड करता है और आपके लिए स्क्रीनशॉट लेता है।

यदि आपको अपने कंप्यूटर के लिए टेक्‍नीकल हेल्‍प चाहिए, तो Windows + R टाइप करके Run कमांड ओपन करें और फिर इसमें “psr” टाइप करें और Enter करें।

इस टूल से अपने पीसी के प्रॉब्‍लम को रिकॉर्ड कर आप इस इनफॉर्मेशन को टेक्‍नीकल पर्सन को भेज सकते हैं, जो आपको इसे सॉल्‍व करने के लिए आपकी मदद कर सकता हैं। इससे उनके लिए इस प्रॉब्‍लम का हल खोजने में आसानी हो जाएगी।

 

विंडोज का सिक्रेट टूल जिसमें आप रिकॉर्ड कर सकते है अपने पीसी के किसी भी प्रॉब्लम को

 

2) Find/Delete Large Files:

बड़ी फाइलें आपके पीसी के मूल्‍यवान स्‍पेस की ज्‍यादा खपत करती हैं। यदी आप यह जानना चाहते हैं की आपके पीसी पर कौनसी फाइलों की साइज बड़ी हैं तो आपको थर्ड पार्टी टूल WinDirStat (Windows Directory Statistics) का इस्‍तेमाल करना होगा, जो आपको बताएगा की पीसी पर कौनसे फाइल्‍स और फोल्‍डर्स ज्‍यादा स्‍पेस ले रहें हैं। इसके बाद यदी वे काम के नहीं हैं, तो आप इन्‍हे डिलीट कर अपने पीसी की स्‍टोरेज कैपेसिटी को बढा सकते हैं।

कौनसा डेटा हार्ड डिस्‍क का जादा स्‍पेस ले रहा है यह जानने के लिए इन ग्रेट फ्री टूल्‍स का एडवांटेज लें

 

3) Remove Unnecessary Startup Programs:

स्टार्टअप प्रोग्राम पीसी के स्‍टार्ट होने के साथ ही ऑटोमेटिक स्‍टार्ट हो जाते हैं। इनमें कुछ प्रोग्राम जरूरी होते हैं और कुछ नहीं होते।

यदि आपका पीसी स्‍लो बूट हो रहा हैं, तो इसकी वजह शायद स्‍टार्टअप में कई सारे प्रोग्राम्‍स हो सकती हैं। जो प्रोग्राम्‍स जरूरी नहीं हैं, उन्‍हे स्‍टार्टअप से निकाल कर आप अपने पीसी के बूट टाइम को बढा सकते हैं।

Windows key + R किज प्रेस कर Run कमांड ओपन करें।

इसमें “msconfig” टाइप करें और एंटर करें।

अब एक विंडो ओपन होगी, जिसमें Startup टैब पर क्लिक करें।

विंडोज 10 में Task Manager में जाएं।

यहां पर आप जिस प्रोग्राम की आवश्‍यकता नहीं हैं उसे राइट क्लिक कर डिसेबल कर सकते हैं।

डिसेबल करने से पहले यह सुनिश्चित करें की आप कोई सिस्‍टम प्रोग्राम या एंटीवायरस को डिसेबल तो नहीं कर रहें हैं।

 

क्‍वीक फिक्स टिप्स जो आपके कंप्यूटर की गति को बढ़ा सकते है

 

4) Launch Taskbar Programs With Your Keyboard

हम में से ज्‍यादातर यूजर्स टास्कबार को एक क्विक लॉन्च बार के रूप में उपयोग करते हैं। जो प्रोग्राम्‍स आपको हमेशा लगते हैं, जैसे की आउटलूक, एक्‍सेल या क्रोम आदि को आप अपने टास्‍कबार पर रखते हैं, ताकि आप उन्‍हे तूरंत लॉन्‍च कर सके।

टास्‍कबार से इन प्रोग्राम को आप सिर्फ एक क्लिक से लॉन्‍च्‍ कर कसते हैं। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि आप उन्‍हे और भी फास्‍ट लॉन्‍च कर सकते हैं? कैसे? कीबोर्ड शॉर्टकट से।

Start बटन के दाईं ओर आपके द्वारा रखे गए सभी प्रोग्राम्‍स के शॉर्टकट होते हैं।

Start से सबसे पहले प्रोग्राम का नंबर 1, दूसरे का 2 और इसी तरह बाकी प्रोग्राम्‍स के नंबर्स होते हैं।

यदी आपको पहला प्रोग्राम लॉन्‍च्‍ करना हैं, तो कीबोर्ड से Win + 1 किज प्रेस करें और इसी तरह से दूसरे के लिए Win + 2 किज प्रेस करें।

 

5) Copy A File Path To The Clipboard:

कई बार आपको किसी फ़ाइल का पाथ कॉपी करना पड़ता हैं। जैसे की आपको अपने फोटो को फेसबुक पर अपलोड करना होता हैं या किसी डॉक्‍युमेंट को ईमेल में अटैच करना होता हैं। ऐसे समय आपको अपने फाइल के लोकेशन तक ब्राउज़ करना पड़ता हैं।

यदि अटैच के लिए ब्राउज़ करते समय आप इस फ़ाइल के पाथ को कॉपी कर पेस्‍ट कर देंगे तो आपका उस फ़ाइल को ब्राउज़ करने का काफी समय बच सकता हैं।

विंडोज एक्सप्लोरर में अपने फोटो या डॉक्‍यूमेंट को ओपन करें।

Shift कि को प्रेस करते हुए फ़ोटो या डॉक्‍यूमेंट पर राइट-क्लिक करें।

 

Context मेनू में Copy as path ऑप्‍शन पर क्लिक करें। यह इस फ़ाइल के लोकेशन को क्लिपबोर्ड पर कॉपी करता हैं।

अब, अपने ब्राउज़र में, फेसबुक या ईमेल कहीं भी अपलोड टूल में ब्राउज़ पर क्लिक करें।

अब फ़ाइल के लोकेशन में Ctrl-V कि प्रेस कर इस पाथ को पेस्‍ट करें और OK करें।

 

6) Remove Duplicate Files:

हर दिन आप अपने पीसी पर कुछ फाइलों और फोल्‍डर्स को बनाते हैं, डाउनलोड करते हैं या कॉपी करते हैं। लेकिन समय के साथ जाने या अनजाने में कई सारी डुप्लिकेट फ़ाइले बन जाती हैं, जो आपके हार्ड डिस्‍क स्‍पेस की खपत करती हैं।

आप इन डुप्लिकेट फ़ाइलों को सर्च कर डिलीट करेंगे तो आपके पीसी की काफी सारी स्‍पेस को आप बचा सकते हैं।

 

एक क्रांतिकारी और नि:शुल्क तरीका डुप्लीकेट फ़ाइलों को सर्च कर डिलीट करने के लिए

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7) Add Mouse-Friendly Checkboxes To Icons:

प्रत्येक कंप्‍यूटर गीक कसम खाता कि वह सभी काम कीबोर्ड शॉर्टकट्स द्वारा करेगा, लेकिन अभी भी दर्जनों यूजर्स हैं जो अपने माउस पर भरोसा करते हैं।

आइकॉन चेकबॉक्स को एक्टिवेट करने पर आप एक्‍सप्‍लोरर में एक साथ कई सारी फाइलों को बिना Ctrl बटन प्रेस किए आसानी से सिलेक्‍ट कर सकते हैं।

Control Panel में Folder Option में जाएं।

View टैब में “Use check boxes to select items” को सिलेक्‍ट करें। अब Apply पर क्लिक करें।

अब आपको एक्‍सप्‍लोरर में एक साथ कई फाइल या फोल्‍डर को सिलेक्‍ट करने के लिए Ctrl बटन प्रेस करने की जरूरत नहीं हैं, बस चेकबॉक्‍स को सिलेक्‍ट करें।

 

8) Always Stick The Mouse Pointer To Dialog Box Button:

पीसी पर काम करते हुए न जाने कितने डायलॉग बॉक्‍स ओपन होते हैं। इन बॉक्‍स में आपको हमेशा Ok, Cancel, Save आदि बटन पर क्ल्कि करना होता हैं, जिसके लिए माउस पॉइंटर को उस डायलॉग बॉक्‍स तक लाना होता हैं।

यदि आप अपना किमती समय बचाना चाहते हैं, तो अपने माउस पॉइंटर को ऑटोमेटिकली डायलॉग बॉक्‍स तक लाए।

Control Panel में Mouse ऑप्‍शन पर क्लिक करें।

Pointers Options टैब को चुनें।

Snap To सेक्शन में Automatically Move Pointer to the Default Button को चेक करें।

अब OK पर क्लिक करें।

 

7 माउस सेटिंग्स कि ट्रिक्स जो आपके माउस को यूज करने तरीके को बदल देंगे

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9) Keyboard Shortcuts:

i) Copy only active window to clipboard:

सामान्य रूप से, print screen पूरी विंडो को कॉपी करता हैं। लेकिन यदि आपको सिर्फ एक्टिव विंडो को कॉपी करना हैं, तो ALT + Print किज प्रेस करें, इससे केवल वर्तमान में एक्टिव विंडो को क्लिपबोर्ड पर कॉपी किया जाएगा।

 

ii) Recover Accidentally deleted file or folder with keyboard shortcut:

आप सभी CTRL + Z के उपयोग को जानते ही होंगे। इस कीज से आप किसी प्रोसेस को undo कर सकते हैं। इसे आप ज्‍यादातर वर्ड, एक्‍सेल या पॉवरपॉइंट में इस्‍तेमाल करते हैं।

लेकिन यदि एक्‍सप्‍लोरर में आपसे गलती से कोई फाइल या फोल्‍डर डिलीट हो गया हैं, तो आप CTRL + Z से फिर से पा सकते हैं।

 

iii) Stylish Method To Switch Between Windows:

जब आप एक से अधिक विंडोज को ओपन करते हैं और जब आपको एक विंडो से दूसरे विंडो पर जाना होता हैं, तब आप ALT + TAB किज का इस्‍तेमाल करते हैं।

यह सभी ओपन विंडोज में एक विंडोज से दूसरे विंडोज पर जाना आसान और क्विक बनाता हैं। लेकिन यदि आप एक विंडोज से दूसरे विंडोज पर जाने के लिए एक स्‍टाइलीश तरीका चाहते हैं तो Windows + TAB किज प्रेस करें।

 

iv) Minimize And Restore Back All Windows:

कई बार आपको सभी ओपन विंडोज को एक ही बार में Minimize करना होता हैं, तो ऐसे समय आप Windows + M किज प्रेस करते हैं। इससे सभी ओपन विंडोज Minimize हो जाते हैं।

लेकिन इस मेथड में एक कमी हैं। जब आपको फिर से उसी स्‍टेज पर जाना हो तो आप ऐसा नहीं कर सकते।

ऐसे समय आप Windows + D किज का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। इस किज से आप सभी ओपन विंडोज को एक ही बार में Minimize तो कर सकते हैं, लेकिन यही किज को फिर से प्रेस करने पर सभी ओपन विंडोज पहले की तरह Restore/Maximize हो जाते हैं।

 

V) Open The Task Manager Directly:

Task Manager को ओपन करने का पारंपरिक तरीका हैं कि आप CTRL + ALT + DEL किज प्रेस करते हैं और फिर Task Manager को सिलेक्‍ट करते हैं।

लेकिन CTRL + Shift + ESC किज प्रेस कर आप सिधे Task Manager को ओपन कर सकते हैं।

 

Vi) Close The Current Window/Tab Directly:

करंट विंडो या टैब को क्‍लोज करने के लिए अब आपको उस विंडो के X बटन तब माउस पॉइंटर ले जाने की जरूरत नहीं हैं, बस किबोर्ड से CTRL + W किज प्रेस करें और विंडो क्‍लोज हो जाएगी।

 

Computer Tips Tricks Hindi.

10) Web Browsing Tricks:

i) Automatically add www. and .com to a URL:

ब्राउज़र में जब आप किसी भी वेब साइट का एड्रेस टाइप करते हैं तब आपको उसका पूरा एड्रेस टाइप करना होता हैं।

लेकिन यह सच नहीं हैं, आप उस वेब साइट का नाम टाइप कर CTRL + Enter किज प्रेस करेंगे, तो उस वेबसाइट का www. और .com ऑटोमेटिक टाइप होकर वह वेब साइट ओपन होगी।

इसी तरह से .net के लिए Shift + Enter

और .org के लिए Ctrl + Shift + Enter किज प्रेस करें।

 

ii) Reopen Accidently deleted Tab:

जब ब्राउज़र में कई टैब ओपन होते हैं, तब गलती से दूसरा ही टैब क्‍लोज हो जाता हैं। ऐसे समय आप पिछले क्‍लोज किए गए टैब को ओपन करने के लिए CTRL + Shift + T किज प्रेस कर सकते हैं।

 

iii) Jump Directly To Any Tab:

जब ब्राउज़र में कई टैब ओपन होते हैं, तब आप एक टैब से दूसरे टैब पर जाने के लिए CTRL + TAB किज का इस्‍तेमाल करते हैं।

लेकिन यह फास्‍ट तरीका नहीं हैं, क्‍योकी जब आपको एक नबंर के टैब से चार नंबर के टैब पर जाना होता हैं, तब आपको CTRL + TAB चार बार प्रेस करना होगा।

इसके बजाय आप CTRL + 4 किज प्रेस कर सिधे चार नंबर के टैब पर जा सकते हैं, या CTRL + 1 से एक नंबर के टैब पर।

Friday, 27 October 2017

जानिए किस तरह चल सकता है फ्री इंटरनेट

जानिए किस तरह चल सकता है फ्री इंटरनेट
Original 27 Oct. 2017
 

ज़ेडेक्स न्यूज़: अगर आप इंटरनेट का प्रयोग करते हैं तो आपके मन-मस्तिष्क में कभी न कभी फ्री इंटरनेट चलाने का ख्याल जरूर आया होगा। फ्री इंटरनेट चलाने के बारे में आज इंटरनेट पर हजारों आर्टिकल मौजूद है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसकी सच्चाई क्या है?

साधारण शब्दों में कहा जाए तो आज संसार में कोई भी ऐसा तरीका मौजूद नहीं है कि जिससे मोबाइल में फ्री इंटरनेट एक्सेस किया जा सके। हालांकि विश्व भर में इंटरनेट प्रदान करने वाली कंपनियां चाहे तो इंटरनेट की कीमतों में काफी कमी हो सकती है और यह एक हद तक मुफ्त भी हो सकता है।

इंटरनेट मुफ्त इसलिए नहीं हो सकता क्योंकि दुनिया भर में इंटरनेट पहुंचाने के लिए बड़ी-बड़ी कंपनियां समुद्रों में केबल बिछाती हैं और जिस पर काफी खर्च आता है और फिर इन कंपनियों से वोडाफोन-एयरटेल जैसी कंपनियां इंटरनेट खरीद कर भारी कीमतों पर उपभोक्ताओं को बेचती है।

भारत में जियो एकमात्र ऐसी टेलीकॉम कंपनी है जिसने खुद अपना केबल बिछाया है वरना कंपनियां टाटा के बिछाए गए केबल का इस्तेमाल करते हैं। यही वजह है कि जियो का इंटरनेट अन्य कंपनियों के मुकाबले में काफी सस्ता है क्योंकि उसे किसी और को कोई कीमत अदा नहीं करनी पड़ती।

इस तरह अगर कोई विश्व में मुफ्त इंटरनेट प्रदान कर सकता है तो वह ऐसी कम्पनियां हैं जिन्होंने सभी देशो में बड़े-बड़े केबल बिछाएं हैं। वरना आम उपभोगताओं को इंटरनेट प्रदान करने वाली कंपनियां तो खुद दूसरों से इंटरनेट खरीदती हैं।

मोबाइल नंबर चुटकी में आधार से होगा वेरिफाई, यहां जानें तरीका

मोबाइल नंबर चुटकी में आधार से होगा वेरिफाई, यहां जानें तरीका
The Quint

मोबाइल नंबर को आधार से वेरिफाई करना हुआ अब और भी आसान फोटो: PTI
आधार के जरिये मौजूदा मोबाइल फोन ग्राहकों के री-वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को आसान और सुविधाजनक किया रहा है. आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, टेलिकॉम यूजर्स के लिए पूरी प्रक्रिया को आसान करने के लिए सरकार ने कई उपाय किए हैं.
इनमें यूजर के घर के दरवाजे पर री-वेरिफिकेशन की इजाजत के अलावा वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) के जरिये भी वेरिफिकेशन शामिल है. सूत्रों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि टेलिकॉम ऑपरेटरों को विकलांग, बीमार या उम्रदराज लोगों को घर पर री-वेरिफिकेशन की सुविधा उपलब्ध कराने को कहा गया है.
अब ओटीपी के जरिए होगा री-वेरिफिकेशन

इसके अलावा ऑपरेटरों से यूजर्स के लिए वेबसाइट और अन्य माध्यमों से ऑनलाइन व्यवस्था किए जाने को भी कहा गया है, जिससे लोग इस तरह की सेवा के लिए रिक्वेस्ट भेज सकें. इसके अलावा मौजूदा मोबाइल ग्राहकों के लिए आधार ओटीपी आधारित री-वेरिफिकेशन की सुविधा भी शुरू की गई है.
टेलिकॉम ऑपरेटरों को निर्देश दिया गया है कि वे मोबाइल यूजर्स के लिए ओटीपी के जरिए री- वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू करें. ऑपरेटरों को इसके लिए एसएमएस या आईवीआरएस या उनके मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करने को भी कहा गया है.
50 करोड़ मोबाइल नंबर आधार डेटाबेस में दर्ज

सूत्रों ने कहा है कि इसका मतलब है कि अगर एक मोबाइल नंबर आधार डेटाबेस में पंजीकृत है, तो ओटीपी तरीके का इस्तेमाल उस नंबर के री-वेरिफिकेशन के अलावा संबंधित यूजर के अन्य नंबरों के वेरिफिकेशन के लिए भी किया जा सकता है.
सूत्र ने बताया कि करीब 50 करोड़ मोबाइल नंबर पहले ही आधार डेटाबेस में पंजीकृत हैं. इन सभी मामलों में री-वेरिफिकेशन के लिए ओटीपी का इस्तेमाल किया जा सकता है.
सूत्रों की मानें तो आधार जल्द ही ऐसे दिशानिर्देश जारी कर सकती है जिससे यूजर्स को आधार कार्ड को मोबाइल से लिंक करने के लिए ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना होगा. हालांकि, अब तक यह साफ नहीं किया गया है कि यह सुविधा केवल वरिष्ठ नागरिकों को दी जाएगी या फिर सभी मोबाइल यूजर्स को दी जाएगी. इस कदम के बाद लोगों को मोबाइल सर्विस आउटलेट्स के बाहर ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा.

Saturday, 7 October 2017

Download and Earn money

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Tuesday, 3 October 2017

टिप्‍स : नया लैपटॉप खरीदने से पहले इसे पढिये - Read this before buying a new laptop

अच्छा लैपटॉप कैसे खरीदें - How to Buy the Right Laptop

पहले जानते हैं कि लैपटॉप बेहतर है या डेस्‍कटॉप, इस विषय पर भी बहुत लम्‍बी बहस हो सकती है। दोनों की ही अपनी-अपनी विशेषतायें हैं साथ ही कुछ परेशानियॉ भी जुडी हुई हैं, जैसे कि डेस्‍कटॉप को आप लैपटॉप की तरह कहीं भी बैग में रखकर ले जा नहीं सकते हैं, ऐसे ही लैपटॉप का की-बोर्ड और माउस खराब होने पर बाजार से तुरंत खरीदकर अपना काम शुरू नहीं कर सकते हैं। फिर ऐसे में कौन बेहतर है और किसका चुनाव करना चाहिये, सीधी सी बात है डेस्‍कटॉप देखने में भले ही भारी भरकम और बडा होता है लेकिन उसका मेंटेनेंस उतना ही सस्‍ता और अासान होता है जबकि इसके विपरीत लैपटॉप का मेंटेनेंस कहीं मॅहगा होता है, लैपटाॅप, डेस्‍कटॉप के मुकाबले एक नाजुक उपकरण है, लेकिन पोर्टेबल भी है  - तो अगर आपके काम से हिसाब से आपको लगता है कि आपको ऐसे पोर्टेबल उपकरण की आवश्‍यकता है जो आपके साथ कहीं जा सके और आपने लैपटाॅप खरीदने का मन बना ही लिया है तो इन बातों पर अवश्‍य ध्‍यान दें - 

स्‍क्रीन

बहुत से व्‍यक्ति लैपटॉप का चुनाव स्‍क्रीन साइज से करते हैं, लेकिन लैपटॉप का चुनाव स्‍क्रीन साइज को देखकर कभी ना करें, एक तो स्‍क्रीन साइज बडा होने से लैपटॉप भारी हो सकता है, साथ ही अगर डिस्प्ले कम रेज्योलूशन वाला हुआ तो कंप्यूटिंग एक्सपीरिएंस खराब भी हो सकता है। इसलिये अच्‍छे रेज्योलूशन वाला स्‍क्रीन ही पसंद करें, अगर अच्‍छा दिखाई नहीं दिया तो आपका पैसा वेस्‍टेज ही समझिये। स्क्रीन रेज्योलूशन जरूर देखें। हॉ स्‍क्रीन एलईडी ही लें। 

प्रोसेसर और रैम 

बाजार में आजकल बहुत उन्‍नत किस्‍म के प्रोसेसर उपलब्‍ध है, जैसे कोर आइ5, कोर आइ7 अगर अाप घरेलू यूजर हैं तो आपको इन प्रोसेसर की गति का अन्‍तर पता भी नहीं चलेगा, घरेलू काम के लिये आप कोर आइ3 या ड्यूल कोर का भी चुनाव कर सकते हैं, कोर आइ5, कोर आइ7 के मुकाबले यह काफी सस्‍ते होते हैं। रैम वैसे आजकल 2 GB से कम तो किसी लैपटॉप में आ ही नहीं रही है, लेकिन अगर आप और भी अच्‍छी स्‍पीड चाहते हैं तो आप  4 GB रैम का चुनाव कर सकते हैं। 

ग्राफिक कार्ड

सभी लैपटॉप में मदरबोर्ड के साथ ही ग्राफिक कार्ड इनबिल्‍ट आता है, जिससे आप बेव ब्राउजिंग, मूवी और गेम्‍स का अानन्‍द लैपटॉप उठा पाते हैं, इसलिये अगर आपको अपने रोजमर्रा के काम जैसे एम0एस0 ऑफिस के अलावा बेव ब्राउजिंग, मूवी और गेम्‍स खेलने हैं तो आपको ग्राफिक कार्ड के बारे में ज्‍यादा सोचने के जरूरत नहीं है। 

बैटरी

लैपटॉप की बैटरी ही इसकी जान होती है आपका लैपटॉप कितना भी गुडलुकिंग हो या कितना भी पावरफुल हो पावर तो उसका बैटरी से ही मिलती है, इसलिये इसका बैकअप अच्‍छा होना चाहिये, आप लैपटॉप खरीदने से पहले यह चैक कर लें कि लैपटॉप कितना बैकअप देता है, अगर आपके लैपटॉप पर यह लिखा है कि बैकअप 8-10 घण्‍टे है तो यह आपके सभी काम करने के बाद यह केवल 6-8 घण्‍टे ही रह जायेगा। इसमें स्‍क्रीन साइज के साथ-साथ यह भी मायने रखता है कि आप लैपटाॅप पर क्‍या काम कर रहे हैं। 

स्‍पीकर 

स्‍पीकर के बगैर वैसे तो कोई लैपटॉप आता ही नहीं है लेकिन हम बात रहे हैं कि स्‍पीकर कहॉ दिये गये हैं, स्‍पीकर का लैपटॉप के साइड में या आगे या पीछे होना ज्‍यादा बेहतर होता है, जिससे अगर आप उसे किसी किसी जगह पर भी रखे स्‍पीकर हमेशा खुले रहें। 

यूएसबी 

यूएसबी जिससे आप लैपटाॅप पर मोडेम, प्रिंटर, पेनड्राइव या अन्‍य सभी डिवाइस लगाते हैं, इसकाे भी देख लें क्‍यों कि किसी-किसी मॉडल में यह केवल दो ही यूएसबी पोर्ट दिये गये होते हैं, यह 4 से 6 के बीच हों तो आपको काम आसान हो जाता है, जिसमें 1-2 अगर आपके सीधे हाथ यानि राइट हैण्‍ड पर हो तो और भी बढिया एक्सपीरिएंस मिलता है। 

की-बोर्ड / टचपैड 

अगर आप टाइपिंग नहीं भी जानते हैं तो भी लैपटॉप के की-बोर्ड का चुनाव ढंग से करें कि आपकी उॅगलियॉ उन पर ठीक प्रकार से चल रहीं हैं या नहींं। वह ज्‍यादा टाइट तो नहीं है। साथ ही टचपैड को भी चला कर देख लें जो आपके लिये माउस का काम करता है। 

वाईफाई कनैक्टिविटी 

इन्‍टरनेट प्रयोग करने के लिये वाई फाई नेटवर्क आम बन गया है, वाई फाई की सहायता से इंटरनेट श्‍ोयर करना भी बहुत आसान हो गया है अब अाप किसी भी फोन को वाई-फाई राउटर या हॉटस्‍पाट में बदलकर आसानी से इंटरनेट शेयर कर सकते हैं, इतना ही नहीं आप अन्‍य उपकरणों को भी वाई फाई की सहायता से कमाण्‍ड आदि दे सकते हैं, अब तो वाई फाई प्रिंटर का भी चलन शुरू हो गया है, वाई फाई से ब्‍लूटूथ की तुलना में कई गुना तेजी से डाटा ट्रान्‍सफर किया जा सकता है, यह 1 सेकेण्‍ड में 60 MB डाटा ट्रान्‍सफर कर सकता है, इसलिये लैपटॉप खरीदने से पहले यह जरूर चैक करें कि उसमें वाईफाई कनैक्टिविटी है या नहीं।